ग्रंथालय व्यावसायिको ,
हमारे देश में हमारे Field का सच कुछ इस तरह है :-
१. हमारे देश के सभी विश्वविद्यालयो ग्रंथालय विज्ञानं के स्नातक और अनुस्नातक का अभ्यास चलाते है
२. हमारे देश में केंद्रीय विद्यालयों को और नवोदय विद्यालयों को छोड़कर सभी राज्यों में स्कूल लेवल पर ग्रंथपाल की भर्ती हो ही नहीं रही
३.कोलेज लेवल पर भी सभी राज्यों में ग्रंथपाल के पद की भर्ती नहीं हो रही
४. विश्वविद्यालय स्तर पर भी विश्वविद्यालय ग्रंथालयो में ग्रंथपाल व्यावसायिको के पदों की जरुरत के मुताबिक भी भर्ती नहीं हो रही
५. सालो से Public Libraries ग्रंथपालो की राह देखकर थक गई है
इन सभी बातो के जिम्मेदार कुछ हद तक हम सभी है :
क्योकि हमें अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए थी जो आज तक भी हम ने नहीं की है ,हम लोग Self Finance कोलेज में जो भी मिले वो तनख्वाह ले लेते है पर अपना हक़ मांगना भूल जाते है , हम लोग सरकार के खिलाफ जाने से डरते है सरकार से अपना हक़ मांगने से डरते है , अभी हमारे गुजरात में शिक्षाविभाग ने ग्रंथपाल के पद पर स्कूल लेवल पर फजल शिक्षको की भर्ती करने का ऐलान इस G R G R of Gujarat Education Department के जरिये कर दिया है और हम सब कुछ भी नहीं कर सकते क्युकी हमारे में एकता नहीं है और हम लोग Self Finance college management से डरने लगे है की कही नौकरी से निकाल न दे इस दर की वजह से पुरे गुजरात में हजारो पदवी धारको बेकार होने की कंगार पर खड़े हो गए है हा जब तक Self Finance और कम वेतन है तब तक बेकार नहीं पर भविष्य " ? " है
मगर किसीमे अन्याय के खिलाफ लडके का साहस नहीं है ये है हमारे ग्रंथालय व्यवासिक